Monika garg

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लेखिनी 15 पार्ट सीरीज प्रतियोगिता # सती बहू(भाग:-9)

गतांक से आगे:-


कहते हैं समाज दो मुहा है उसके मुंह पर उसको तसल्ली देगा तो दूसरे के आगे उसी की बुराई करेगा।

वैसे ही चंदा के साथ भी हुआ ।जब तक विशम्बर के घर रही लात घूंसे खाती रही ।उसका जनानापन सहन करती रही क्यों?.... क्योंकि वो एक औरत थी उसे हमेशा से सहन करना ही होगा ।जरा सा अपने लिए सोचने लगी तो कुलचछनी साबित करने पर तुल गये लोग ।

पनघट पर जिस तरह से श्याम ने हक से उसे डांटा था और उसका पानी का कलसा लेकर उसे घर तक छोड़ने गया तो लोगों में कानाफूसी होने लगी ।ये आग फैलती फैलती विशम्बर के कानों तक भी पहुंच गयी कि तुम्हारी पत्नी आजकल इंजिनियर साहब से नयन मटकका कर रही है । कुछ लोगों ने उसे श्याम के घर से निकलते हुए भी देख लिया था।कहते हैं जहां आग लगती है वहां धुआं होता ही है और वह धुआं विशम्बर तक भी पहुंच गया ।बस …. फिर क्या था विशम्बर का खून खोल गया और वह दनदनाता हुआ श्याम की कोठरी की ओर चल दिया उससे तो एक चींटी तक नहीं मरने वाली थी इस लिए अपने साथ अपने गुर्गे ले गया और श्याम को कोठरी से निकाल कर इतना मारा, इतना मारा कि वह अधमरा हो गया और तब उसे उठा कर गांव से बाहर फिंकवा दिया।

इधर जब चंदा को इस बात का पता चला तो वो चीख पड़ी…" हाय! ज़ालिम को मेरा जरा सा भी सुख बर्दाश्त नहीं होता और मैंने कसूर भी क्या किया है वह  भी तो मेरे होते दूसरी पत्नी ले आया। वो हमेशा मुझे रोते गिडगिडाते हुए देखना चाहता है तभी श्याम के रूप में मेरे जीवन में आये एक फ़रिश्ते को भी मार मार कर अधमरा कर दिया ।"

चंदा की सिसकियां रुक ही नहीं रही थी ।तभी चाची सास ने आकर उसके सिर पर हाथ रखा और उसे ढांढस देते हुए कहा,"बहूरिया तुम्हें क्या उस मां बेटे की खसलत पता नहीं है उनको किसी का सुख बर्दाश्त नहीं होता। मैं जानती हूं तेरे ऊपर अत्याचार हुए हैं ।तू धीरज रख तेरे चाचा ससुर श्याम का पता लगाकर उसका इलाज करवाने के लिए कभी के चले गये है घर से ।उनको जब पता लगा कि विशम्बर ने श्याम के साथ ऐसा सलूक किया है तो इनका खून खोल उठा ।मुझ से कह रहे थे," भाई साहब ने क्या जानवर जना है ।खुद तो कभी कद्र नहीं करी बहू की अब अगर जरा सी हंस बोल लेती भी है किसी से , तो उनको बर्दाश्त नहीं होता ।"

   कहीं ना कहीं चंदा की तरफदारी करने में उन का  स्वार्थ भी छिपा था अब बुढ़ापे में चंदा चुग्गा पानी दे देती थी दोनों को अगर वो भी चली गई तो उनकी देखभाल कौन करेगा।चंदा के चाचा ससुर तो यही सोचे बैठे थे कि अगर चंदा मान जाएगी तो श्याम को घर जंवाई ही बना लेंगे।

चंदा की सिसकियां थोड़ा शांत हुई ।वह मुंह हाथ धोकर पल्लू सही करके घर से बाहर जाने लगी तो चचिया सास ने टोका,* अब कहां जा रही है बहूरिया?"

" गांव के बाहर ,चाची जी , जिसने मेरे खातिर अपनी जान की परवाह नहीं की तो मैं उसे ऐसी हालत में कैसे छोड़ दूं।अब आप ही बताओ?"

चंदा बेधड़क बोली ।अब उसने बहुत अत्याचार सहन कर लिये थे अब वह मुखर हो जाना चाहती थी ।उसे याद है कैसे उसे जिम्मेदार ठहराया गया था बच्चा ना होने पर।सास हमेशा पास पड़ोस में यही कहती थी कि हमारी विशम्बर की बहू मे औरतों वाले लक्षण ही नहीं है ।नहानी( मासिक धर्म) तो आती ही नहीं है बच्चा क्या जाने गी और घर आकर चंदा को कहती जब महावारी आये तो ज्यादा ढकोसला मत करियो।"

मतलब जब महावारी में औरतें पूजा पाठ ,और चौका चूल्हे से दूर रहती थी ।इससे और लोगों  को उस औरत के विषय में पता चल जाता था कि वो पूर्ण नारी है ।तो चंदा की सास इन सब कामों को पूरा महीना चंदा से करवाती ताकि लोग बांझ होने का कारण चंदा को ही माने ,विशम्बर को नहीं।

चंदा बदहवास सी दौड़ी चली जा रही थी श्याम की छूअन उसके रोम रोम में समाई थी ।एक तो बचपन का साथी दूसरा उसका पहला प्यार चाहे वो उस उम्र में समझ ना पाई हो ,तीसरा वो मर्द जिसने गृहस्थ के सुख का मतलब समझाया जो विशम्बर सात सालों में कभी भी ना दे सका उसे।

गांव के बाहर भीड़ लगी थी ।चंदा ने देखा श्याम को चाचा ससुर शहर के अस्पताल ले गये थे वहां औरतें और आदमी आपस में कानाफूसी कर रहे थे । कोई विशम्बर के काम को सही बता रहा था 

" सच है भाई, कौन आदमी होगा जो ये सहन करेगा कि उसकी बहूरिया किसी पराये आदमी के साथ नयन मटकका करें।"

तो कोई चंदा के पक्ष में बोल रहा था ," क्या हुआ अगर वो अपने गांव के पहचान के आदमी से बात कर लेती है तो विशम्बर ने तो उसे छोड़ ही रखा था।"

जितनी मुंह उतनी बातें ।चंदा लम्बा सा घूंघट निकाल कर गयी थी इसलिए किसी ने उसे नहीं पहचाना वैसे भी वो ओट में खड़ी थी। अगर श्याम वहां होता तो वो लोक राज छोड़कर उसके पास दौड़ी चली जाती पर वो तो वहां नहीं था इसलिए बात को ज्यादा उजागर किये बिना चंदा उल्टे पांव घर लौट आई।


श्याम का क्या हुआ , क्या वो बच पायेगा ,चंदा क्या श्याम के विषय में चाचा ससुर से बात कर पायेगी ये सब जानने के लिए अगले भाग का इंतजार..


(क्रमशः)

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6 Comments

HARSHADA GOSAVI

15-Aug-2023 12:54 PM

Nice

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Alka jain

27-Jun-2023 07:33 PM

Nice 👍🏼

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Shnaya

27-Jun-2023 06:22 PM

Nice one

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